शुक्रवार, 16 अगस्त 2024

हिंदी के समूह और हिंदी

आए दिन हिंदी के नए समूह बन रहे हैं। हिंदी भाषा के विकास के लिए हिंदी समूह का गठन एक अच्छी परंपरा है। प्रौद्योगिकी ने अभिव्यक्ति के लिए इतने आयाम निर्मित कर दिया है और इतने नए आयाम खुल रहे हैं कि इस दशक को अभिव्यक्ति का स्वर्णिम युग कहा जा सकता है। विगत कुछ महीनों से हिंदी के विभिन्न समूहों का निकट से अवलोकन कर रहा हूँ। यह अवलोकन हिंदी के विकास क्रम का एक स्वतंत्र सर्वेक्षण है। वर्तमान में हिंदी साहित्य के लिए सक्रिय विभिन्न समूहों ने अब तक निम्नलिखित जानकारियां दी हैं :-


1. हिंदी का वर्तमान में सर्वश्रेष्ठ समूह की पड़ताल जब आरंभ किया तो कुल पांच हिंदी समूह सर्वश्रेष्ठता के दावेदार मिले :-


क. सबसे पहले मुझे “शब्दालय” समूह मिला जहां पर उच्च कोटि की काव्य पोस्ट लगभग प्रतिदिन पढ़ने को मिलती है। एडमिन और मॉडरेटर इतने सक्रिय और हिंदी विकास के प्रेमी थे कि मुझे लगा इस समूह में मेरी कोई भूमिका नहीं है और पूर्णतया सक्षम समूह है। इस समूह को मैंने छोड़ दिया। नए चार समूह मिले जिनमें सर्वश्रेष्ठ होने की चिंगारी लिए सर्वश्रेष्ठ हैं, वह समूह हैं:-


1., काव्यस्थली

2. गोपाल दास नीरज साहित्य संस्थान समूह

3. कुछ तुम लिखो, कुछ हम लिखें

4. बेमिसाल साहित्यिक मंच


उक्त चारों समूह में एडमिन और मॉडरेटर की सक्रिय भूमिका का विश्लेषण करने पर यह स्पष्ट हुआ कि “काव्यस्थली” समूह पहले अपने रचनाकारों का मूल्यांकन करती है और उनकी पोस्ट पर विश्लेषणात्मक दृष्टि बनाए रखती है। इस प्रक्रिया के दौरान एडमिन या मॉडरेटर रचनाकार से एक भावनात्मक संबंध निर्मित कर लेते हैं अपनी प्रतिक्रियाओं के द्वारा। कुछ समय बाद रचनाकार को यह विशेष अधिकार समूह देता है कि बिना मॉडरेशन के वह रचनाकार सीधे समूह में अपनी रचना पोस्ट कर सकता है। यह एक समूह द्वारा किसी रचना को प्रदत्त एक शीर्ष सम्मान है। यही "काव्यस्थली" की अनोखी विशिष्टता है।


“गोपाल दास नीरज साहित्य संस्थान” में गद्य, पद्य प्रकाशित होते हैं। इस समूह ने रचना प्रेषण विधा पर रोक नहीं लगाया है। यदि कहूँ कि हिंदी के समस्त समूह में से सर्वश्रेष्ठ एडमिन और मॉडरेटर इस समूह में हैं तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। जल संरक्षण के लिए जिस तरह नदियों में बांध बनाए जाते हैं उसी प्रकार अपने रचनाकारों की सृजनशीलता को आदर देने के लिए एडमिन, मॉडरेटर सम्मान का एक बांध बना देते हैं। सभी एडमिन और मॉडरेटर रचनाकार की पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य देते हैं जिससे पोस्ट की गुणवत्ता भी बनी रहती है। यदि कभी रचना मद्धम हुई तो इनकी प्रतिक्रियाएं कोमलता से आगाह कर देती हैं कि थोड़ी और ऊंचाई और गहराई होती तो बात ही कुछ और होती! यहां के एडमिन और मॉडरेटर अहं से ढूर हैं यह तथ्य ज्ञात होने पर हतप्रभ भी हुआ। बेहद श्रम करते हैं और रचनाओं की गुणवत्ता बनाए रखते हैं।


“कुछ तुम लिखो, कुछ हम लिखें” और “बेमिसाल साहित्यिक मंच” इन दोनों समूह में दूरदर्शी और तेज-तर्रार महिलाएं हैं। इन दोनों समूह में महिला प्रधान प्रशासन है और यह सनुभव किया गया है कि इनकी दृष्टि रचनाकार की परख रखती है और किसी नियमावली में आंशिक संशोधन भी करना पड़ता है तो यह विदुषी महिलाएं सकारात्मक निर्णय लड़ने में नहीं हिचकती हैं। महिला सशक्तिकरण और महिला संचासलित हिंदी के अभिनव समूह हैं।


2.  सर्वश्रेष्ठ और श्रेष्ठ के बीच के समूह :- इस वर्ग में आनेवाले समूह रचना अपने सिद्धांतों और रचना के नीचे रचनाकार की पोस्ट के बीच एक संतुलित सामंजस्यता को निर्मित करने में संघर्षरत दिखते हैं। ऐसे हिंदी समूह हैं :-


1. काविश

2. साहित्य कुंज

3. साहित्यनामा पत्रिका

4. Hindi Poetry/ - हिंदी कविता

5. गुलज़ार की यदि 

6. शब्द कलश – शब्दों का विशाल संग्रहालय

7. अनसुलझी कहानियां

8. हिंदी लेखक परिवार (समूह)


यहां पर आकर यह सहज प्रश्न उभरता है कि यह वर्गीकरण किस आधार पर? हिंदी के कुल 80 से भी अधिक समूहों की सदस्यता लेकर महीनों तक इन समूहों की गतिविधियों और पोस्ट चयन आदि का विश्लेषण किया गया। उक्त आठ समूह में यदि आंशिक सुधार संबंधित एडमिन, मॉडरेटर द्वारा किया जाए तो सर्वश्रेष्ठ हिंदी समूह बनने में अधिक समय नहीं लगेगा।


हिंदी समूह किस प्रकार अपने रचनाकारों को लेखन में गतिशील और सक्रिय बने रहने में योगदान करते है, यह सर्वप्रथम आकलन किया गया। दूसरा पक्ष था एडमिन और मॉडरेटर स्तर पर पहल और दिशानिर्देश। कुल दो समूह के एडमिन अभिमान तथा गुटबंदी में पाए गए और दोनों एडमिन पुरुष हैं। एडमिन और मॉडरेटर के समक्ष यह चुनौती है कि कैसे रचनाकार को लेखन के प्रति आकर्षित कर लेखन गुणवत्ता को बढ़ाया जाए। अधिकांश समूह हिंदी लेखन की प्रतियोगिताएं करते हैं और विजेताओं को सॉफ्ट प्रति में प्रमाणपत्र प्रदान करते हैं। रचनाकार को यह छूट दी जाती है कि वह अपनी रचना के नीचे अपना फोटो लगा सकते हैं जो एक प्रकार की लेखन गति को एक लुभावनी पहल है।


शेष हिंदी समूह कहीं दिशाहीन नजर आते हैं  कहीं कुछ समूह सदस्यता संख्या बढ़ाने के लिए अभद्र फोटो व लेखन में लिप्त मिले। अच्छे रचनाकारों के लिए अच्छे समूह भी हैं जिनमें से कुछ की चर्चा उपरोक्त परिच्छेद में कई गयी है। उच्च स्तरीय लेखन क्रमशः सर्वश्रेष्ठ और श्रेष्ठ समूह में बढ़ रहा है। एक सुखद साहित्यिक भोर की ओर बढ़ते हिनफी समूह हिंदी लेखन के वर्तमान के सक्रिय इंजन हैं।


धीरेन्द्र सिंह

16.08.2024

18.08


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