कनाडा से हिंदी समूह, हिंदी पत्रिका आदि की गूंज से प्रभावित होकर भारत में कई समूह सक्रिय हो गए हैं जो वैश्विक हिंदी।अलंकरण से अपनी-अपनी संस्था और समूह का नाम रख प्रायः यह दर्शाते रहते हैं कि हिंदी यथार्थ में विश्व चर्चित भाषा हो चुकी है। कनाडा की यह घटना तो अलग स्थिति दर्शाती है ? कहां है लोकप्रियता ? हिंदी फिल्म न चलने देने का उद्देश्य कहीं न कहीं भारत की छवि धूमिल करने का प्रयास है।
यहां विदेशों में सक्रिय और भारत में सक्रिय हिंदी संस्थाओं और समूहों से बड़ी अपेक्षाएं हैं।
हिंदी की विदेशी धरा पर पनपती और उभरती संस्थाएं व समूह संयुक्त रूप से या पृथक रूप से कनाडा की संलग्न घटना पर किसी प्रतिक्रिया दर्शाते हैं और कैसे प्रतिरोध करते हैं यह एक उत्कंठापूर्ण भावी भाषिक गतिविधि होगी। दुष्यंत कुमार की पंक्ति का उल्लेख करते हुए “सिर्फ हंगामा...हिंदी विदेशी बयार का प्रहार अपेक्षित है।
धीरेन्द्र सिंह
08.12.2023