शुक्रवार, 8 दिसंबर 2023

कनाडा में हिंदी फिल्म प्रदर्शन विरोध

कनाडा में हिंदी फिल्म प्रदर्शन विरोध अंग्रेजी दैनिक “द टाइम्स ऑफ इंडिया” के 8 दिसंबर 23 के समाचार की झलक संलग्न है। इस समाचार में यह दर्शाया गया है कि कनाडा के तीन थियेटर में न केवल हिंदी फिल्म प्रदर्शन को रोका गया बल्कि फ़िल्म दर्शकों पर हानिकारक स्प्रे भी किया। इसे एक राजनैतिक या आतंकवादी घटना आदि भज कहा जा सकता है। कुछ भी हो पर हिंदी भाषा और भारतीय संस्कृति पर यह आक्रमण अच्छा भावी संकेत नहीं कहा जा सकता है। विघटनकारी सिख समुदाय की करतूत कहकर दबाया भी नहीं जा सकता। क्यों ? यह स्वतः उभरा क्यों ? बहुत सार्थक प्रश्न है।

 कनाडा से हिंदी समूह, हिंदी पत्रिका आदि की गूंज से प्रभावित होकर भारत में कई समूह सक्रिय हो गए हैं जो वैश्विक हिंदी।अलंकरण से अपनी-अपनी संस्था और समूह का नाम रख प्रायः यह दर्शाते रहते हैं कि हिंदी यथार्थ में विश्व चर्चित भाषा हो चुकी है। कनाडा की यह घटना तो अलग स्थिति दर्शाती है ? कहां है लोकप्रियता ? हिंदी फिल्म न चलने देने का उद्देश्य कहीं न कहीं भारत की छवि धूमिल करने का प्रयास है। 

यहां विदेशों में सक्रिय और भारत में सक्रिय हिंदी संस्थाओं और समूहों से बड़ी अपेक्षाएं हैं। हिंदी की विदेशी धरा पर पनपती और उभरती संस्थाएं व समूह संयुक्त रूप से या पृथक रूप से कनाडा की संलग्न घटना पर किसी प्रतिक्रिया दर्शाते हैं और कैसे प्रतिरोध करते हैं यह एक उत्कंठापूर्ण भावी भाषिक गतिविधि होगी। दुष्यंत कुमार की पंक्ति का उल्लेख करते हुए “सिर्फ हंगामा...हिंदी विदेशी बयार का प्रहार अपेक्षित है। 

 धीरेन्द्र सिंह
 08.12.2023 

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