आतृप्ता
से बचिए – हिंदी जगत हित
में
हिंदी
जगत में अशोभनीय कार्यों की चर्चाएं कम होती हैं। इसका एक प्रमुख कारण है। अशोभनीय
बातों में सहभागिता के कारण जुड़े सभी व्यक्ति भी दोषी सिद्ध हो सकते हैं और इसी भय
का फायदा उठाकर अतृप्ता अपने चयनित पुरुषों का बौद्धिक्त8, आर्थिक और शारीरिक शोषण करते
रहती है। अधेड़ उम्र की यह महिला हरियाणा में रहती है जहां पहुंचने के लिए सेक्टर
28 मेट्रो स्टेशन पर उतरा जा सकता है।
अब तक
इस अतृप्ता ने एक संस्था डूबा दी और हिंदी के कई साहित्यकारों का आवश्यक्तान्यूसार
शोषण करके अपमानित कर छोड़ चुकी है। यह प्रश्न स्वाभाविक है कि अतृप्ता कौन। आवश्यक
मूल आधारित सूचना दी जा चुकी है शेष यदि आपके करीब यह आएगी तो ज्ञात हो जाएगा अतृप्ता
यही है। इसके शिकार हिंदी जगत के प्रतिभाशाली पुरुष और स्त्री होते हैं।
पिछले
दो वर्षों से अतृप्ता नई दिल्ली के हिंदी प्राध्यापकों की ओर मुड़ी है। हिंदी के किसी
आयोजन जिससे यह जुड़ी रहती है एक या दो हिंदी प्राध्यापकों को मंच पर ला खफा कर देती
है। हिंदी के वह आयोजन प्राध्यापक स्तर के नहीं होते हैं। एक स्तरहीन हिंदी आयोजन के
मंच पर प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के हिंदी के प्राध्यापक यदि उपस्थित होते हैं तो यह
दर्शाता है कि अतृप्ता कितनी कुशलता से प्रभावित कर लेती हैं। हिंदी से जुड़े विद्वानों
को मानसिक और भावनात्मक उलझन न हो इसलिए अतृप्ता से जुड़कर अति सावधानीपूर्वक व्यवहार
की बात की जा रही है।
धीरेन्द्र
सिंह
28.06.2024
08.57
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