बुधवार, 14 सितंबर 2022
हिंदी दिवस-भ्रमित लोग
हिंदी दिवस - भ्रमित लोग
प्रतिवर्ष 14 सितंबर को मनाए जानेवाले दिवस को हिंदी दिवस के रूप में जाना जाता है। अधिकांश लोग भारतीय संविधान के 343 से 351 तक के तथ्यों से अनभिज्ञ हैं इसलिए हिंदी दिवस को बोलचाल से लेकर साहित्यिक हिंदी से जोड़ते हैं जो हिंदी दिवस से संबंधित ही नहीं है। यहां एक स्वाभाविक प्रश्न उत्पन्न होता है कि फिर क्या है हिंदी दिवस?
राजभाषा हिंदी की बात है :- हिंदी दिवस का आयोजन सरकारी कार्यालयों, राष्ट्रीयकृत बैंकों, उपक्रमों के कामकाज में हिंदी का प्रयोग बढ़ाना है। इस प्रक्रिया को राजभाषा कार्यान्यवन कहते हैं। यहां साहित्यिक हिंदी की कोई जगह नहीं है क्योंकि राजभाषा हिंदी का अपना अलग साहित्य है जो कार्यालयों तक सीमित है।
राजभाषा/हिंदी विभाग:- सरकारी कार्यालयों आदि में राजभाषा या हिंदी विभाग होता है जिसका कार्य सरकारी कामकाज में हिंदी के प्रयोग को बढ़ाना है। यह विभाग सरकारी कर्मचारियों के लिए हिंदी प्रशिक्षण भी प्रदान करता है।
मनोरंजक लेखन:- अति उत्साह में हिंदी दिवस पर लिखे अधिकांश लेख मनोरंजक होते हैं क्योंकि वह राजभाषा हिंदी से भटक साहित्यिक हिंदी आदि पर चर्चा करते हैं जिसका भटकाव गुदगुदाता है।
जटिल है हिंदी दिवस:- हिंदी दिवस संविधान की नीतियों में उलझा एकं जटिल समस्या है जिसका समाधान अत्यंत कठिन है। सरकार के कागजों में अभी भी अंग्रेजी का प्रयोग होता है। कहाँ है हिंदी?
धीरेन्द्र सिंह
हिंदी के आधुनिक रूप के विकास में कार्यरत जिसमें कार्यालय, विश्वविद्यालय, प्रौद्योगिकी में देवनागरी लिपि, ऑनलाइन हिंदी समूहों में प्रस्तुत हिंदी पोस्ट में विकास, हिंदी के साथ अंग्रेजी का पक्षधर, हिंदी की विभिन्न संस्थाओं द्वारा हिंदी विकास के प्रति विश्लेषण, हिंदी का एक प्रखर और निर्भीक वक्ता व रचनाकार।
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