हिंदी दिवस – सिमटती संभावनाएं
प्रति वर्ष 14 सितंबर हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह उत्सवी आयोजन केंद्रीय कार्यालयों, राष्ट्रीयकृत बैंकों, उपक्रमों में आयोजित किया जाता है। भारतीय संविधान में 14 सितंबर देवनागरी लिपि में हिंदी के राजभाषा रूप में दर्ज है। पंडित जवाहरलाल नेहरू जब भारत देश के प्रधानमंत्री थे तब उन्होंने अंग्रेजी को सह-राजभाषा के रूप में संविधान में स्थान प्रदान किया। वर्तमान में राजभाषा हिंदी मात्र उत्सव स्वरूपा है और सभी सरकारी कार्यालयों, राष्ट्रीयकृत बैंकों तथा उपक्रमों में काम बेहिचक अंग्रेजी में हो रहा है। इन कार्यालयों आदि में मूल कार्य हिंदी में हो इसके लिए गठित है राजभाषा विभाग जिसमें पदस्थ हैं राजभाषा अधिकारी तथा बैंकों, उवक्रमों में यह अधिकारी हिंदी को छोड़कर कार्यालय के अन्य कार्य खूब करते हैं। इस परिच्छेद में प्रमुख ध्यान देनेवाले तथ्य नेहरू और हिंदी या राजभाषा अधिकारी हैं।
उपरोक्त कार्यालयों में हिंदी या राजभाषा में कार्य करने के लिए संबंधित कार्यालय और उनके विभिन्न विभाग की प्रचुर शब्दावली है जो विवाह के एलबम की तरह उपयोग की जाती हैं। हिंदी में कार्य कैसे किया जाए इसके लिए प्रत्येक कार्यालय हिंदी कार्यशाला का आयोजन करता है जिसे मजाक में प्रशिक्षणार्थी “पेड़ हॉलिडे” के रूप में जानते हैं। कार्यालयों में विभिन्न प्रतियोगिताएं होती हैं जिनमें पिछले वर्ष भाग लिए हिंदीभाषी ही भाग लेते हैं कोई इतर मातृभाषा वाला स्टॉफ भाग नहीं लेता । 14 सितंबर के आसपास खूब प्रतियोगिताएं हिश् हैं, गायन, अभिनय, नृत्य आदि आयोजन होते हैं। 14 सितंबर को भव्य मंच सजता है और विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता पुरस्कार प्राप्त करते हैं। हिंदी का जयकारा विभिन्न भाषणों में लगता है और इस प्रकार हिंदी दिवस सम्पन्न होता है। कागज से लेकर कम्प्यूटर तक अंग्रेजी भाषा अपना एकक्षत्र साम्राज्य बनाए रखती है। इस प्रकार अमन-चैन से भारत देश के संविधान सम्मत राजभाषा (हिंदी) तथा सह-राजभाषा (अंग्रेजी) प्रसन्न रहती हैं।
धीरेन्द्र सिंह
13.09.2025
15.07
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें