tag:blogger.com,1999:blog-2508924880954692731.post2878527725780832669..comments2023-09-05T01:24:48.097-07:00Comments on राजभाषा/Rajbhasha: राजभाषा अधिकारी, पदोन्नति और साक्षात्कारधीरेन्द्र सिंहhttp://www.blogger.com/profile/12020246777509347843noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-2508924880954692731.post-52190299164435925022011-04-16T20:54:25.773-07:002011-04-16T20:54:25.773-07:00धीरेंद्र जी!
आपकी पीड़ा कोई भुक्त भोगी ही समझ सकता...धीरेंद्र जी!<br />आपकी पीड़ा कोई भुक्त भोगी ही समझ सकता है। यह तो सरकारी संस्थाओं/बैंकों/सार्वजनिक उपक्रमों में नियुक्त न केवल राजभाषा से जुड़े लोगों के साथ ही बल्कि इसी प्रकार की विशेषीकृत सेवा, जैसे, सुरक्षा, विधि आदि से जुड़े लोगों के साथ भी हो रहा है। इन सेवाओं की शुरुआत लगभग एक ही साथ या आगे पीछे हुई है। अतः समवेत और संकेंद्रित (कंसर्टेड) प्रयास की ज़रूरत है। <br />मेरे विचार में तो यह एक ही प्रकार से संभव है और पूरी इंडस्ट्री के विशेषीकृत सेवा के लोगों को एक जुट हो प्रयास करना होगा। <br />विशेषीकृत सेवा के लोगों की भर्ती होते ही उन्हें भी मुख्यधारा के कार्यों का, नए भर्ती प्रोबेशनरी अधिकारी की भाँति गहन इंडक्शन प्रशिक्षण दिया जाए और उनकी वरिष्ठता मुश्तरका रखी जाए, अलग नहीं। इन विशेषीकृत सेवा के अधिकारियों से भी सभी प्रकार के काम लिए जाएं और साथ ही राजभाषा के काम भी करें। हाँ, राजभाषा का काम पहले करना होगा। दूसरे काम इतनी ही मात्रा में हों कि राजभाषा का काम बाधित न हो। साथ ही हिंदी में काम करने का दायित्व बाकियों का ही है राजभाषा अधिकारी का नहीं। अतः एक समन्वय समिति का अविलंब गठन कराएं। किसी ईमानदार और दृढ़ एनजीओ को अवश्य शामिल करें। कार्यालयी काम में उल्झे लोग इस आंदोलन को ज़्यादा आगे तक नहीं ले जा पाएंगे।डॉ. दलसिंगार यादवhttps://www.blogger.com/profile/07635372333889875566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2508924880954692731.post-23696428836588632462011-02-27T22:06:22.472-08:002011-02-27T22:06:22.472-08:00yes it is very serious problem. We should do somet...yes it is very serious problem. We should do something against this.nehagoyal123456@rediffmail.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2508924880954692731.post-21818353562964867012011-02-27T08:01:01.040-08:002011-02-27T08:01:01.040-08:00निश्चय ही यह चिंता का विषय है और शीघ्र ही इस दिशा ...निश्चय ही यह चिंता का विषय है और शीघ्र ही इस दिशा में सार्थकता के लिए कदम उठाये जाने चाहिए ।ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.com